निमंत्रण

हरे कृष्ण,Krishna with Radha bhava

गौड़ीय गुरुवर्य के अनुगत्य में, श्री चैतन्य महाप्रभु के आविर्भाव के दिव्य अवसर पर हम आपको सपरिवार आमंत्रित करते हैं। श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु इस युग में कृष्ण प्रेम वितरण करने के लिए एक शुद्ध भक्त के रूप में अवतरित हुए जो स्वयं राधा भाव में परम भगवान श्री कृष्ण हैं। कृपया इस अवसर पर उपस्थित होकर भगवान श्री कृष्ण एवं समस्त वैष्णव गुरुवर्ग की कृपा प्राप्त करें।

Under benign guidance of our spiritual master we invite everyone along with their friends and family on the auspicious occasion of Shri Gaur Jayanti Celebrations. Shri Gaurang Mahaprabhu or Shri Krishna Chaitanya Mahaprabhu is none other than Supreme Personality of Godhead Shri Krishna who descended in the mood of Shrimati Radha, His greatest devotee, to preach the kaliyug-dharma of Chanting the holy names of Shri Krishna i.e. Hare Krishna Hare Krishna, Krishna Krishna Hare Hare, Hare Rama Hare Rama, Rama Rama Hare Hare. We request you to please participate in the festivity and receive the unlimited mercy of Vaishnavas and Lord Shri Krishna.

 

कार्यक्रम विवरण - Program Details

 

25 फरवरी 2018, रविवार - नगर संकीर्तन (नेरुल)

03:00pm - 09:00pm - नगर संकीर्तन, आरती, प्रवचन एवं महाप्रसाद

2 मार्च 2018, शुक्रवार - श्री गौर पूर्णिमा एवं होली

05:00am - 09:00am - मंगल आरती, हरे कृष्ण महामंत्र जप, कीर्तन

09:00am - 12:00pm - श्री चैतन्य चरितामृत का पाठ, श्री चैतन्य महाप्रभु के प्राकट्य लीलाओं का महिमा कीर्तन

12:30pm - 01:00pm - आरती

05:00pm - 08:00pm - कीर्तन, महाप्रभु का अभिषेक, आरती एवं कीर्तन

08:00pm - 09:00pm - प्रवचन एवं उपवास प्रसाद

3 मार्च 2018, शनिवार - श्री जगन्नाथ मिश्र आनन्द उत्सव

05:00am - 12 Noon - मंगल आरती, जप, कीर्तन, श्री चैतन्य महाप्रभु के प्राकट्य लीलाओं का महिमा कीर्तन

12:00 Noon - 02:00pm - राजभोग आरती, महाप्रसाद

06:00pm - 07:30pm - संध्या आरती एवं कीर्तन

07:30pm - 09:00pm - श्री चैतन्य चरितामृत का पाठ, श्री चैतन्य महाप्रभु के प्राकट्य लीलाओं का महिमा कीर्तन एवं महाप्रसाद

4 मार्च 2018, रविवार - विशेष रविवारीय कार्यक्रम

06:00pm - 09:00pm - श्रील भक्तिसिद्धांत सरस्वती ठाकुर जगतगुरु प्रभुपाद के संन्यास एवं श्री चैतन्य मठ की स्थापना के 100 वर्ष पर शताब्दी उत्सव महिमागान, कीर्तन, आरती, प्रवचन एवं महाप्रसाद